उत्तर प्रदेश के एटा। जनपद में बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचसी व निजी नर्सिंग होम सहित क्लीनिकों पर मरीजाें की भरमार है। खास बात है कि मेडिकल कॉलेज सहित सीएचसी पर बुखार के मरीजों को मलेरिया नहीं निकल रहा है। अगर वही मरीज प्राइवेट में जांच करा ले तो उसे मलेरिया की पुष्टि हो रही है। आकंड़ाें पर गौर करें तो चार दिन में 581 बुखार के मरीजों की मलेरिया की जांच की गई।
एक भी मरीज को मलेरिया की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि चार दिन में सात मरीज डेंगू के जरूर चिह्नित किए गए हैं। अवागढ़ के कुबेरपुर, जरानी खुर्द आदि गांव में बुखार का प्रकोप फैल चुका है। इन दिनों मारहरा क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर सहित शीतलपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव रारपट्टी में भी बुखार का प्रकोप है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें दो दिन से लगातार निगरानी किए हुए हैं। इसके अलावा अन्य कई गांव ऐसे हैं जहां बुखार का प्रकोप चल रहा है। लोग निजी क्लीनिक सहित नर्सिंग होम में उपचार करा रहे हैं। प्राइवेट पैथोलॉजी पर जांच में कई बुखार पीड़ितों को मलेरिया की पुष्टि हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में एक भी केस मलेरिया का नहीं आ रहा है।
विभाग में जनवरी से अब तक कुल 33 केस मलेरिया के आए हैंं। निधौलीकलां ब्लॉक क्षेत्र के गांव नगला वरी निवासी अभिलाख को पांच दिन से बुखार आ रहा था। दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज में जांच कराई। यहां मलेरिया की रिपोर्ट निगेटिव आई। बृहस्पतिवार को शहर की एक पैथोलॉजी पर जांच कराई रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सकीट क्षेत्र के गांव लोया बादशाहपुर निवासी अवनीश को पांच दिन पहले बुखार आया। उन्होंने सीएचसी सहित मेडिकल कॉलेज में डेंगू, मलेरिया की जांच कराई, रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन बुखार सही नहीं हुआ तो परिजन जीटी रोड स्थिति शहर के प्राइवेट नर्सिंग होम ले गए। यहां जांच में मलेरिया निकला। सरकारी अस्पतालों में मलेरिया की जांच पहले कार्ड से की जाती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर माइक्रोस्कोप से जांच होती है। इस साल में अभी तक सिर्फ 33 केस ही सामने आए हैं। जांच कराई जाएगी कि निजी पैथोलॉजी लैब पर किस विधि से जांच की जा रही है।