अल्मोड़ा समाचार उत्तराखंड के अल्मोड़ा मे पानी एकदम शुद्ध हे बाकी उत्तराखंड मे सब जगह पानी मे चुना मिल के आता हे अल्मोड़ा के साथ ही चंपावत का पानी शुद्धता की कसौटी पर खरा उतरा है। जल संस्थान की जांच में यह खुलासा हुआ है। बागेश्वर और पिथौरागढ़ के पानी में चूने की मात्रा मात्रा मानकों से कई गुना अधिक मिली है। पानी में चूने की मात्रा सेहत के लिए जरूरी है लेकिन इसकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इस मानक पर अल्मोड़ा के साथ ही चंपावत का पानी शुद्धता की कसौटी पर खरा उतरा है। जल संस्थान की जांच में यह खुलासा हुआ है।
बागेश्वर और पिथौरागढ़ के पानी में चूने की मात्रा मात्रा मानकों से कई गुना अधिक मिली है। जलसंस्थान ने अल्मोड़ा के साथ ही पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत में 70 से अधिक प्रमुख पेयजल योजनाओं और जल स्रोतों में चूने की मात्रा की जांच की। सामने आया कि अल्मोड़ा और चंपावत के पानी में चूने की मात्रा 75 से 200 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यह शुद्धता और सेहत की दृष्टि से मानकों की कसौटी पर खरी उतरती है। बागेश्वर और पिथौरागढ़ के पानी में चूने की मात्रा 200 से 400 मिलीग्राम तक है। इसकी बड़ी वजह दोनों जिलों में लाइम स्टोन यानी चूने के पत्थरों की अधिकता है।