लखनऊ महंगाई के दौर में मात्र 10000 रुपये प्रतिमाह मानदेय वर्ष में 11 महीने ही मिलता है। ऐसे में शिक्षामित्रों के परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा। शिक्षामित्रों के कंधों पर पूरे परिवार का बोझ है। बच्चों की पढ़ाई व उनकी शादी की जिम्मेदारी भी उठाने में मुश्किल हो रही है।केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि वह पूरी तरीके से शिक्षामित्रों के साथ हैं,
शिक्षामित्रों ने यह मांग सोमवार को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में महासम्मेलन के दौरान उठाई।
प्रदेश के सभी जिलों से करीब सवा लाख शिक्षामित्र शामिल हुए उन्होंने कहा कि हम 22 साल से शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। हमारा भी मानदेय बढ़ाया जाए साथ ही 12 माह वेतन या मानदेय देकर स्थिति को सुधारा जाना बहुत जरूरी है सरकार भी शिक्षामित्रों की मांगों के प्रति गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह मांगों को पूरा कराने प्रयास करेंगे।