दिल्ली के यमुना में बाढ़ से अब तक 1300 से अधिक पशु मर चुके हैं। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, खादर क्षेत्र में भारी संख्या में मृत पशु पाए जा रहे हैं। एमसीडी ने पशुओं के शव को मौके से उठाकर गाजीपुर बूचड़खाने में भेजा है, जिसमें गायें व भैंसों की संख्या ज्यादा है। पशुओं के शव को समय रहते रेंडरिंग प्लांट में ले जाकर वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जा रहा है, ताकि दुर्गंध फैलने से लोगों को समस्या न हो। मृत पशुओं का पता लगाने के लिए बाढ़ से खाली हुई जगहों की तलाशी ली जा रही है। सिविल डिफेंस और निगम के कर्मी दोनों इस पर नजर बनाए हुए हैं। एमसीडी के अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के शव होने की सूचना मिलने के कुछ मिनट के अंदर इसे उठा लिया जाता है और रेंडरिंग प्लांट ले जाकर तत्काल इसका उचित समाधान किया जाता है, लेकिन आशंका इस बात की भी है कि अभी और भी पशु बाढ़ क्षेत्र में मृत मिल सकते हैं। ऐसे में यदि पशुओं के शव गलकर पानी में मिले तो दिल्ली में जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा अन्य खतरनाक संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। बाढ़ राहत शिविरों में जलजनित व मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निगम की नौ टीमें मिशन मोड में काम कर रही हैं। निगम के जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों में जलजनित व मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित रूप से मच्छररोधी दवा का छिड़काव व फॉगिंग की जा रही है। डीबीसी चेकर्स प्रभावित क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन की जांच कर रहे हैं। मंगलवार को शिविरों में 216 ओआरएस के पैकेट बांटे और 637 ओपीडी आयोजित की, 325 स्वास्थ्य परामर्श दिए गए और बुनियादी दवाएं भी दीं। ओपीडी व हेल्थ टॉक भी आयोजित की गई सड़कों पर बह कर आई मिट्टी व गाद को साफ करने के लिए 7 स्मॉक गन लगाईं हैं। मंगलवार को नौ रोड स्ट्रेच साफ किए गए। बेला रोड, निगम बोध घाट, शांति वन से विजय चौक, प्रियदर्शिनी कॉलोनी, मंकी ब्रिज से शांति वन, मोनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाजार से आवागमन सुगम हो गया है। बेला गांव, मिलेनियम डिपो रिंग रोड, हाफिज नगर, भैरों मार्ग और मदीना मस्जिद डी ब्लॉक जैतपुर में सफाई अभियान चलाया है। बारिश के बाद मंगलवार को कई जगहों पर सुपर सकर मशीनों से पानी निकालना पड़ा। निगम ने वजीराबाद तिमारपुर, इंदिरा विहार, हकीकत नगर, मुखर्जी नगर, झरोड़ा में सुपर सकर मशीनें व पंप लगाकर जल की निकासी कराई। राजघाट, आईटीओ, दिल्ली सचिवालय और पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में भारी जलभराव हुआ। प्रशासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित लोगों की गिनती करने का काम शुरू कर दिया गया है। पीड़ित परिवार के मुखिया का आधार कार्ड, बैंक खाता और परिवार के बाकी सदस्यों का विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासनिक टीमें पीड़ितों के शिविर का निरंतर दौरा कर रहीं हैं। मयूर विहार पुश्ते पर बनाए गए राहत शिविर में गिनती का काम कर रहे अधिकारियों केे मुताबिक दिल्ली सरकार ने पीड़ितों की मदद करने के लिए योजना बनाई है। इसके लिए अभी से काम शुरू कर दिया गया है। पीड़ितों को इसके लिए कुछ नहीं करना है। सारा काम प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। हरेक परिवार का विवरण लेने के बाद राहत दिलाने के लिए फार्म भी प्रशासन की तरफ से ही भरा जा रहा है। इसके बाद सभी पीड़िता का डाटा कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। तत्पश्चात, सरकार के दिशा निर्देश के मुताबिक आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी। बाढ़ राहत शिविर के आस-पास सांप मिलने की शिकायतें बढ़ने के बाद वन विभाग को रैपिड रिस्पांस टीम बनाने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निर्देश दिया है कि ये टीम सभी बाढ़ प्रभावित जिले में काम करेगी। साथ ही वन विभाग ने इसके लिए 1800118600 हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। गोपाल राय के मुताबिक, बाढ़ से इंसानों और बाकी जीव-जंतुओं को भी खतरा है। लगातार पानी में रहने के कारण सांप भी संकट में हैं और अपने लिए सुरक्षित जगह तलाश रहे हैं। ऐसे में वे घरों में प्रवेश कर रहे हैं। यमुना के किनारे राहत शिविर के आस-पास सांप मिलने की शिकायतें बढ़ गई हैं। इस कारण वन विभाग को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है