नई दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का कार्यकाल समाप्त होने पर उनके स्थान पर दूसरे नेता को नियुक्त किया जा सकता है। उनके स्थान पर दिल्ली देहात के साथ-साथ पूर्वांचल के नेताओं के नामों पर विचार हो रहा है।कांग्रेस आलाकमान ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस को दुरुस्त करने की कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का कार्यकाल समाप्त होने पर उनके स्थान पर दूसरे नेता को नियुक्त किया जा सकता है। उनके स्थान पर दिल्ली देहात के साथ-साथ पूर्वांचल के नेताओं के नामों पर विचार हो रहा है।सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में बड़ी संख्या में ग्रामीण मतदाता हैं। इसके अलावा पूर्वांचलियों की भी संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में कांग्रेस पैठ बनाने के लिए इनके बीच के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी दिल्ली के नेताओं से बात कर रहे हैं। प्रदेश के नेता हर मामले में मजबूत नेता को कमान देने की वकालत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसी पूर्वांचली नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे व वर्तमान में उत्तराखंड के प्रभारी पूर्व विधायक देवेंद्र यादव, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष रोहित चौधरी, पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया लाल के नाम पर खासतौर पर विचार कर रहा है। निगम चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा आरंभ होने के दौरान भी कन्हैया लाल को अध्यक्ष बनाने पर विचार हुआ था, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने विचार त्याग दिया था।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि काम करने वाले ही पार्टी में रहेंगे और उन्हें ही जिम्मेदारी मिलेगी। उन्होंने काम नहीं करने वाले नेताओं को आराम करने की सलाह दी, बेशक वे कितने ही वरिष्ठ नेता और कई चुनाव जीते हों। बुधवार को कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने शिकायत की कि यहां आए अधिकतर नेता न तो प्रदेश की बैठक में आते हैं और न ही धरना प्रदर्शन में शामिल होते हैं।इस पर प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे रहे। राहुल ने शिकायत को गंभीरता लेते हुए वरिष्ठ नेताओं को अप्रत्यक्ष तौर पर फटकार लगाई। राहुल ने चेतावनी दी कि काम करना है तो वे पार्टी में रहें, अगर काम नहीं कर सकते है तो आराम करें। अब मौजूद गतिविधि व काम को देखकर ही पार्टी में जिम्मेदारी मिलेगी। लिहाजा, पार्टी को काम करने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओं की आवश्यकता है। इस बीच दो-तीन नेताओं ने प्रदेश इकाई में गुटबाजी दूर करने का आग्रह किया।इस पर राहुल ने कहा कि गुटबाजी दूर करने के लिए कोई बाहर से नहीं आएगा। बैठक में मौजूद तमाम नेताओं में ही गुटबाजी है। लिहाजा, उन्हें स्वयं गुटबाजी दूर करनी होगी। वह पार्टी की बैठकों में शामिल हो और कार्यक्रमों में शिरकत करें। इसके अलावा वह पार्टी की नीतियों व सरकारों की ओर से किए जा रहे जनविरोधी कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएं। इसके बाद गुटबाजी नहीं रहेगी। राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बयानबाजी करने की जगह वे कार्य करें और अपनी बात पार्टी के अंदर रखें। पार्टी भविष्य में इस तरह की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी। गौरतलब है कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से दिल्ली सेवा बिल का विरोध करने के निर्णय पर प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने मीडिया में बयान देकर आपत्ति जताई थी।