नई दिल्ली के जंतर-मंतर से कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क तक विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की याद में मार्च निकलेगी। इससे पूर्व एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा विभाजन की त्रासदी से लोगों को अवगत कराएंगे।विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस पर भाजपा मौन मार्च निकालेगी। जंतर-मंतर से कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क तक विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की याद में मार्च निकलेगी। इससे पूर्व एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा विभाजन की त्रासदी से लोगों को अवगत कराएंगे।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि वे खुद एक ऐसे परिवार से है जिसने विभाजन की पीड़ा का सामना किया था। पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ से उनके बुजुर्ग दिल्ली आए थे। उन्होंने कहा कि विभाजन का दर्द झेलने वाले लोगों की ओर से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय सराहनीय कदम है। पाकिस्तान से भारत आए लोगों के विभाजन के कष्टों को याद करते हुए एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। बंटवारे की दास्तां कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी पंडारा रोड स्थित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह विभाजन की विभीषिका पर सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी एंड कल्चर संस्था द्वारा लगाई जा रही है प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा, प्रो. चंद्रचूड़ सिंह समेत कई लोग उपस्थित रहेंगे और बंटवारे की कहानी जिसे कभी भुलाया नहीं जाएगा विषय पर पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का संयोजक दिव्यांश शर्मा व प्रशांत यादव करेंगे।विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की ओर से सोमवार को कॉन्फ्रेंस केंद्र में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस अवसर पर डीयू ने स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केंद्र की स्थापना की घोषणा भी की है। डीयू के दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह ने बताया कि यह केंद्र कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता और संरक्षण में कार्य करेगा। केंद्र की गवर्निंग बॉडी गठित कर दी गई है, जो तीन साल की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से लागू होगी।यह केंद्र स्वतंत्रता संग्राम और उसके परिणाम के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करेगा। विभाजन विभीषिका से उपजी गंभीर मानवीय त्रासदी, दर्द, घाटे, अस्तित्व की गंभीरता और अंततः विजय जैसे असंख्य तथ्य, उपाख्यान, कहानियां और यादें हैं जो इस केंद्र द्वारा अध्ययनों से प्रकाश में आएंगे। प्रो. सिंह ने बताया कि केंद्र समर्पित अभिलेखीय स्रोतों और मौखिक इतिहास के माध्यम से अनुसंधान और सीखने को प्रोत्साहित करने का एक यथार्थ शैक्षणिक प्रयास है।