उत्तर प्रदेश के तीर्थनगरी मथुरा के वृंदावन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि अयोध्या-काशी के साथ मथुरा-वृंदावन के विकास का विजन लेकर चल रही सरकार का लक्ष्य देशभर में धार्मिक स्थानों को महत्व दिए जाने की नजीर पेश करना है। यहां कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं तो संत समाज भी दूर-दूर तक प्रभाव रखता है। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ आठ वर्षों में यहां 30 से अधिक बार आए और संतों के साथ विकास पर चर्चा की है। सीएम ने 2024 के चुनाव से पहले सांस्कृतिक दृष्टि से ब्रज को संवारने का विश्वास भी दिलाया। वृंदावन का नाम विश्व पटल पर जाना-पहचाना जाता है। बांकेबिहारी मंदिर भी ख्याति पा चुका है। रोजाना हजारों श्रद्धालु देशभर से यहां आ रहे हैं। श्रद्धालुओं में सिर्फ यूपी के नहीं, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और बिहार के कृष्ण भक्त पहुंचते हैं। सरकार का नजरिया है कि यहां का विकास होगा तो धार्मिक लोगों की आस्था भी सरकार में बढ़ेगी। यहां के विकास की गाथा अन्य राज्यों से आने वाले लोग गाएंगे तो भाजपा मजबूत होगी जिसका लाभ आने वाले चुनाव में मिलेगा। इसमें संत समाज की जिम्मेदारी भी अहम मानी जा रही है रविवार को पर्यटक सुविधा केंद्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों के साथ स्वल्पाहार के जरिये डबल इंजन सरकार की विकास एक्सप्रेस को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया है। यहां हुई बैठक में केंद्र सरकार के नौ साल में हुए कार्यों की चर्चा हुई तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की लहर बनाने पर मंथन हुआ। इसमें संतों ने अपने प्रवचनों के जरिये सरकार के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। अखिल भारतीय संत महासभा के अध्यक्ष महंत नवलगिरि महाराज ने बताया कि संतों का भी कर्तव्य है कि वह सरकार के कार्यों को घर-घर तक पहुंचाएं। संतों के पास इसके लिए तमाम मंच हैं जहां से वे सरकार की धर्म स्थलों और नगरों के प्रति प्रतिबद्धता को सबके सामने रख सकते हैं। इससे सनातनी एकजुट होंगे तो सबका साथ-सबका विकास के साथ धर्म स्थलों का कायाकल्प करने वाली सरकार बनती रहेगी।