उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले के थाना अंतर्गत बरूआ गांंव के गंज गुबरौल पुरवा में मिट्टी के टीले में खेल रहे चार बालक टीला धंस जाने से दब गए। इसमें से तीन की हालत खराब होने पर प्रयागराज के लिए रेफर किया गया है। मंगलवार को गंज गुबरौल पुरवा निवासी बालक सत्यम (10) पुत्र गंगा प्रसाद, सिद्धार्थ (10) व आदर्श (8) पुत्रगण कामता प्रसाद, राममूरत (9) पुत्र बहगुन घर से 100 मीटर दूर खेत के पास स्थित एक मिट्टी के टीले में खेल रहे थे। इसी दौरान वह मिट्टी खोदने लगे। इससे टीला धंस गया और सभी बच्चे दब गए। सत्यम ने किसी तरह बाहर निकलकर परिजनों को जानकारी दी।
ग्रामीण मौके पर पहुंचे और दबे हुए बच्चों को मिट्टी से बाहर निकाला। सभी बच्चे पुरवा स्थित प्राथमिक स्कूल में पढ़ते हैं। बालकों के परिजनों ने बताया कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का पालन करते हैं। इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। रिश्तेदारों से कर्ज लेकर इलाज कराएंगे। चित्रकूट। मिट्टी में दबा बालक सत्यम यदि मिट्टी से निकलकर अपने परिजनों को जानकारी नहीं देता तो बड़ा हादसा हो सकता था। सत्यम की सूझबूझ से ही तीनों बालक की जान बची है। चित्रकूट। जिले में मिट्टी के टीले धंसने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिसमें राजापुर क्षेत्र सहित मऊ क्षेत्र में अधिक घटनाएं हुई हंै। दस से अधिक की मौतें भी हो चुकी है। दीवाली सहित अन्य पर्वों व घर बनाने के लिए मिट्टी टीले से खोदने पर घटनाएं होती हैं।