भारत पाकिस्तान के बीच 80 घंटे से अधिक समय के संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर की सहमति बनी। हालांकि चंद घंटे बाद पाकिस्तान ने समझौते का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सशस्त्र बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। देर रात विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बारे में आज सैन्य महानिदेशकों (DGMO) ने विस्तार से जानकारी दी। तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने वीडियो-तस्वीरों के साथ बताया कि कैसे भारत ने पाकिस्तानी दहशतगर्दों के नौ ठिकानों को नेस्तनाबूद किया।भारत-पाकिस्तान तनाव पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. कर्ण सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को खुली छूट देकर बहुत अच्छा किया… सशस्त्र बलों ने पेशेवर तरीके से संयम और परिपक्वता के साथ काम किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने कहा, यह पहली बार नहीं है जब किसी तीसरे पक्ष ने हस्तक्षेप किया है। उदाहरण के लिए, 1965 के युद्ध के बाद, हम ताशकंद गए और तीसरे पक्ष की भागीदारी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। उस समय सोवियत संघ ने किया था। इस बार दिलचस्प बात यह थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने किसी और से पहले (भारत-पाकिस्तान) इसकी घोषणा की, जिसे टाला जा सकता था। तनाव बढ़ने से दोनों पक्षों को भारी नुकसान होता इसलिए इसे टाला गया। डीजीएमओ की प्रेस वार्ता में जो मुख्य बातें सामने आईं उसमें पाकिस्तानी ठिकानों पर हमले और 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किए जाने जैसे बिंदु प्रमुख रहे।
भारतीय सेना की कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी एयरबेस नष्ट।
पाकिस्तानी घुसपैठ के जवाब में भारतीय सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया।
मारे गए कुख्यात आतंकियों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ, मुदस्सिर अहमद शामिल।
मल्टी-एजेंसी इंटेलिजेंस के आधार पर 9 आतंकी शिविरों की पहचान।
संघर्ष विराम के बाद यूएवी और छोटे ड्रोन भारतीय सीमा और सैन्य क्षेत्रों में घुसे। सेना ने ड्रोन को रोका।
सीजफायर उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
सेना ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों के मुंहतोड़ जवाब के बाद सभी फील्ड कमांडरों को सीजफायर उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया।