हिमाचल प्रदेश के शिमला मे अवैध निर्माण करने पर कानूनी कार्रवाई, मूलभूत सुविधाएं छीने जाना, मौके पर अवैध निर्माण तोड़ने पर पुलिस का सहयोग आदि शामिल किया जा रहा है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते 2,552 कच्चे और पक्के मकान ढह गए हैं, जबकि 10,920 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे सबक लेते हुए सरकार ने निर्माण कार्य के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। अवैध भवन निर्माण की जांच के लिए टास्क फोर्स गठित होगी, जो मौके पर निरीक्षण करती रहेगी। आगामी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जा रहा है। हालांकि, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की ओर से अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अवैध निर्माण न हटाया तो बिजली और पानी के कनेक्शन भी काटे जा सकते हैं। मानसून से लेकर अब शहरी निकायों की ओर से चार सौ के करीब नोटिस जारी हो चुके हैं। बता दें कि पूरे प्रदेश में करीब 20,000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने नियमों में नहीं किया है। प्रदेश सरकार का मानना है कि लोग बिना नक्शे के भवनों का निर्माण कर रहे हैं। इसमें न तो इंजीनियरों की सलाह ली जा रही है और न ही अच्छी निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में भवनों के गिरने की संभावना रहती है। नियमों में भी मंजिलों का निर्माण नहीं किया जा रहा है। विभाग के पास हर रोज दर्जनों शिकायतें आ रही हैं। प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार ने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को भवन निर्माण को लेकर नियमों का पालन सख्ती से करने के निर्देश दिए हैं।