बिहार के पटना में शिक्षक भर्ती परीक्षा पर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने स्पष्ट कर दिया है कि B.Ed को लेकर जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है वह आगामी भर्ती परीक्षा में अप्रभावित रहेगी। यानी इस माह होने वाली परीक्षा में B.Ed अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि परीक्षा भी अपने निर्धारित समय (24, 25 और 26 अगस्त ) में आयोजित होगी। इसमें किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। जिस अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है वह इसमें भाग ले सकते हैं। हमलोग परीक्षा के स्टेज पर किसी भी अभ्यर्थी का पात्रता की जांच नहीं करते। स्वघोषणा आधारित जो भी तथ्य उन्होंने प्रस्तुत किया है, उस आधार पर उनका एडमिट जारी किया गया है। डॉक्यूमेंट की जांच के समय में इसकी जांच होती है। बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पेज 45 में स्पष्ट लिखा है कि राजस्थान सरकार ने बीएड अभ्यर्थियों से आवेदन देने से रोका, यह गलत हुआ। क्योंकि उस समय एनसीटीई का गाइडलाइन प्रभावी था। इस दृष्टिकोण से उन्हें गाइडलाइन का पालन करना चाहिए था। बिहार के मामले में यही बात लागू होती है। जिस समय बीपीएससी ने आवेदन निकाला, उस समय जिस समय हमलोगों ने B.Ed अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती परीक्षा में आमंत्रित किया था। इसलिए इस परीक्षा B.Ed अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। 11 अगस्त को कोर्ट से फैसला आने से पहले एनसीटीई की गाइडलाइन प्रभावी था। यानी जो लोग इस गाइडलाइन के तरह नौकरी पा लिए और जिन लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन दिया, उन्हें मौका दिया जाएगा। क्योंकि यह एनसीटीई की गाइडलाइन है। एनसीटीई की गाइडलाइन के तह यह अधिकार B.Ed अभ्यर्थियों के परीक्षा में उपस्थित होने तक ही है। परीक्षाफल के संबंध में B.Ed अभ्यर्थियों का अधिकार नहीं बना है। इस बात का जिक्र विज्ञापन में भी है कि एनसीटीई से परामर्श से राज्य सरकार जो निर्णय करेगी, वही मान्य होगा। अतुल प्रसाद ने कहा कि हमलोग एनसीटीई की गाइललाइन को मानते हैं। इसके आधार पर राज्य सरकार को जो निर्णय होगा, वही मान्य होगा। इस संबंध में जो भी निर्णय होगा, वह परीक्षाफल को प्रभावित करेगा। बीएड अभ्यर्थियों का रिजल्ट बाद में जारी किया जाएगा। यह दो चरणों में जारी किया जाएगा।राजस्थान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय (पेज 35 से 36) में कहा कि जब आपके पास में डिप्लोमाधारी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध थे तो आपको बीएड कोर्स को सहमति देने का कोई औचित्य नहीं था। अगर हम यही कहें कि हमारे पास पर्याप्त संख्या में डिप्लोमाधारी उपलब्ध हैं तो हमें परीक्षा स्थगित करने का क्या अधिकार है। इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट का अवमानना नहीं करेंगे। हमारे पास 3.80 लाख डिप्लोमाधारी उपलब्ध हैं। इसलिए हम उनके अधिकार का हनन नहीं कर सकते हैं। अगर बीएड अभ्यर्थी पुर्नविचार याचिका दायर करेंगे तो इस पर जो फैसला आएगा, उसपर विचार किया जाएगा। B.Ed अभ्यर्थी पात्र हैं या नहीं, इस पर बीपीएससी को भी संशय है। अगर संशय बना रहा और उनका रिजल्ट रोककर रखा गया तो उनका चांस विफल नहीं माना जाएगा। उनका तीन चांस बना रहेगा। शिक्षक भर्ती परीक्षा में इस बार के लिए निगेटिव मार्किंग को हटा दिया गया है। जो प्रश्न पत्र मुद्रित हो गए हैं, उसमें अगर लिखा भी हो तो अभ्यर्थी नहीं मानें। बिहार सरकार और आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।