बिहार के पटना भाजपा ने प्रदर्शन के दौरान अपने एक नेता की मौत बताते हुए एक तरफ रात तक आगामी राजनीति की तैयारी की तो दूसरी तरफ सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर इस दावे को झुठलाने की। लेकिन, भाजपा के पास दरअसल 5 मिनट हैं…वह भी बीते हुए।भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा पैदल मार्च को डाकबंगला चौराहे पर रोकने के लिए गुरुवार को पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों के साथ जमकर लाठियां भांजी थी। भाजपा के कई शीर्ष नेता घायल हुए। एक की लाठी से मौत का दावा किया गया। मौत के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकलते ही कहा कि उनके भाई की हत्या हुई है, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मर्डर केस दर्ज कराएंगे। इस एलान के एक घंटे पहले और पांच घंटे बाद तक पटना जिला प्रशासन और पुलिस ने भाजपा के दावे की हवा निकालने के लिए सघन ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में कुछ ऐसी गड़बड़ी भी निकली, जिसके कारण भाजपा को मौका मिल रहा है। दरअसल, उसके पास 5 मिनट हैं, वह भी बीते हुए। गुुरुवार को इधर डाकबंगला चौराहे पर जब भाजपा के शीर्ष नेताओं को भी पुलिस बख्शने के मूड में नहीं थी और जमकर लाठियां चमका रही थी, उसके कुछ देर बाद अचानक हंगामा मच गया। हंगामा इसलिए कि भाजपा के विधानसभा मार्च में शामिल होने के लिए आए पार्टी के जहानाबाद जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत की खबर सामने आयी। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लाठीचार्ज से मौत कहा और उसके बाद भाजपा के सभी नेता यही बताने लगे। इधर, सरकार ने इस मौत की पुष्टि तो नहीं की और जानकारी यह दी कि विजय सिंह को अचेतावस्था में छज्जूबाग से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके कुछ घंटे बाद अफसरों ने विजय सिंह के साथ रहे जहानाबाद के निजामुद्दीनपुर निवासी भरत प्रसाद चंद्रवंशी का एक वीडियो जारी किया। इसमें भरत चंद्रवंशी ने कहा- “हमलोग समारोह में जा ही रहे थे। जाने के पहले ही भगदड़ मची और यह गिर गए। गिरने के क्रम में हो सकता है कि सिर में चोट लगी।”इधर बिहार भाजपा के नेता प्रदेश कार्यालय में दिवंगत विजय सिंह के शव पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहे थे और उधर सरकार भाजपा के दावे की काट निकालने में पूरी तरह भिड़ी हुई थी। रात करीब 10 बजे पटना के SSP राजीव मिश्रा ने संवाददाता सम्मेलन भी किया और सरकार ने औपचारिक जानकारी भी दी- CCTV से यह पता चला है कि विजय सिंह अपराह्न 13:22 बजे गांधी मैदान पटना के जेपी गोलंबर से निबंधन कार्यालय, छज्जूबाग की तरफ जा रहे थे। यह डाकबंगला रोड से अलग है।13:27 बजे अपराह्न उसी रास्ते में दुर्गा अपार्टमेंट के सामने खाली रिक्शा दिखता है, जिसपर वह 13:32 बजे अपराह्न तारा हॉस्पीटल पहुंचे। घटनास्थल दुर्गा अपार्टमेंट के निकट से तारा हॉस्पीटल जाने में रिक्शा से लगभग 05 मिनट का समय लगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि विजय सिंह के साथ कोई भी घटना 13:22 से 13:27 बजे के बीच छज्जूबाग क्षेत्र में ही हुई है। इस बीच वे डाकबंगला पहुंच भी नहीं सकते थे। 13:22 से 13:27 के दरम्यान क्या हुआ, इसके प्रमाण के रूप में सीसीटीवी फुटेज पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस ने हर हिस्सा छान लिया, लेकिन इन पांच मिनट का कोई फुटेज नहीं मिला। पुलिस-प्रशासन ने वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसमें हॉस्पिटल जाते समय विजय सिंह बेहोश नजर आ रहे थे। ऐसे में सीसीटीवी करवेज मुक्त जगह पर पांच मिनट के दरम्यान क्या हुआ, इसमें भाजपा के पास सिर्फ एक हथियार है। यह वही हथियार है, जिसे सरकारी अफसरों ने पहले चलाया था- भरत प्रसाद चंद्रवंशी। चंद्रवंशी ने भगदड़ में गिरने और सिर में चोट लगने की बात वीडियो में कही थी और यह वीडियो भी सरकार ने ही जारी किया था। मतलब, अब भाजपा के पास अपने दावों को साबित करने के लिए यही पांच मिनट और उसी प्रत्यक्षदर्शी (भरत प्रसाद चंद्रवंशी) के बयान का सहारा है।