मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के जहरीले कचरे का विनिष्टीकरण करने 129 करोड़ का प्रस्ताव वित्त विभाग के पास लंबित है। केन्द्र सरकार की तरफ से ये जानकारी हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई। युगलपीठ ने याचिका में हलफनामे के साथ प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनाई 27 सितम्बर को निर्धारित की गयी है। भोपाल निवासी आलोक प्रताप सिंह की तरफ से 2004 में दायर याचिका में भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में पड़ा करीब 350 मीट्रिक टन जहरीले कचरे के विनिष्टिकरण की मांग करते हुए याचिका दायर की गयी थी। उनकी मृत्यु के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान लेकर कर रहा है। मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि 19 जून 2023 को ओवरसाइट कमेटी की बैठक हुई थी। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कमेटी ने केन्द्र सरकार से इसके लिए 129 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की अनुशंसा की है। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने 10 जुलाई को मप्र सरकार के वित्त विभाग को अपेक्षित प्रस्ताव भेज दिया है। जल्द ही बजट स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरुद्दीन ने बताया कि मामला पिछले 39 साल से जहरीला कचरा पड़ा और दोनों ही सरकारे मामले में हीलाहवाली कर रही हैं। याचिका में राहत चाही गई कि कचरे के प्रबंधन में खर्च का पूरा हर्जाना आरोपी कंपनी से वसूला जाना चाहिये। युगलपीठ ने बजट की स्वीकृति के संबंध में अगली तारीख पर सुनवाई के निर्देष देते हुए ये आदेश जारी किए।