हरियाणा के भिवानी जिले के बहुचर्चित बलजीत बड़ेसरा हत्याकांड मामले में अदालत ने जेल में बंद आनंद उर्फ बबलू पूर्व सरपंच सहित उसके परिवार के 18 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। अदालत ने दो आरोपियों को बरी किया है, जो कि आरोपियों को पनाह देने के मामले में केस में शामिल किए गए थे। अदालत गुरुवार को दोषियों को सजा सुनाएगी। जिले का बहुचर्चित हत्याकांड वर्ष 2017 में महिला सरपंच की आरटीआई लगाए के विवाद में शुरू हुआ था। इस खूनी खेल में अब तक छह लोगों की हत्या हो चुकी है।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने 14 अगस्त को बड़ेसरा हत्याकांड में सुनवाई के दौरान बबलू सरपंच सहित उसके परिवार के 18 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। दोषी करार दिए गए लोगों में गांव बड़ेसरा निवासी आनंद उर्फ बबलू पूर्व सरपंच, पवन उर्फ भोलू, कपूर, वजीर, जगवंत, बलवान, प्रमोद उर्फ मोनी, पवन, रवींद्र, सबीर, अजीत उर्फ जीता, कर्मवीर, आनंद उर्फ बबलू का भाई लेहणा, सोनू, नरेश, सुधीर शामिल हैं। इस हत्याकांड में अब तक एक पक्ष के पांच और दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या की जा चुकी है।भिवानी जिले के गांव बड़ेसरा निवासी बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी। उसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश हो गई थी। इसी रंजिश में बलजीत और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या की जा चुकी है। वर्ष 2017 में बलजीत व उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अक्तूबर 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में हुए तिहरे हत्याकांड में मृतक बलजीत के ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा परिवार के कई लोगों पर जानलेवा हमला हो चुका था। वहीं, बबलू पक्ष के 50 वर्षीय महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में मास्टर अजीत उर्फ बालिया गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हत्याकांड के अलावा कई लोगों पर भी जान लेवा हमले हो चुके हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही हे