राजस्थान के भरतपुर में मुहर्रम पर मातमी धुन के साथ ताजिया निकाले गए। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग मुहर्रम को गम और मातम के महीने के रूप में मानते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम इस्लाम धर्म का नए साल शुरुआती महीना माना जाता है। ताजिया में देशभक्ति का जज्बा दिखाई दिया। जुलूस में हाथों में तिरंगा लिए युवक और ताजिया में तिरंगे के रंग ने सभी का मन मोह लिया। ताजिया में तिरंगा झंडा दिखाई दिया। इस बार मुहर्रम के मौके पर निकाले गए ताजिये में देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिला। ताजिया को तिरंगे झंडे के रंग में बनाया गया। दूसरी तरह युवक हाथों में तिरंगा झंडा लेकर चलते हुए नजर आये। जिससे शहर में ताजिया की चर्चा रही और तिरंगा झंडे के रंग में रंगे ताजिया ने सभी का मन मोह लिया। जगह-जगह लगाई गई खाने पीने के स्टॉल जुलूस में युवक ढोल पीटकर चलते हुए दिखाई दिए। जुलूस में युवाओं, बुजुर्गों द्धारा ताजिये में शामिल लोगों के लिये जगह-जगह मीठे पानी की प्याऊ, फल, खीर, खिचड़ी, आइसक्रीम, शिकंजी, कुल्फी, बिस्कुट के पैकेट बांटे गए। ताजिये के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए। पुलिस विभाग द्वारा अतिरिक्त जाब्ता लगाया गया। वहीं ड्रोन से भी पूरी तरह निगरानी रखी गई। ताजिये के जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए गए। सुबह से ही बाजार में ताजिया के मार्ग में पुलिस के जवान तैनात रहे। ताजिया के निकलने के दौरान लगभग पांच सौ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। शहर के सभी थानाधिकारी जाब्ते के साथ मौजूद रहे और ASP,CO सिटी, प्रशासनिक अधिकारी उप-जिला कलेक्टर देवेंद्र परमार सहित सादा वर्दी में भी पुलिस का जाब्ता लगाया गया। साथ घोड़ा पुलिस भी लगाई गई थी जो हर गतिविधि पर नजर रखे हुए