उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के सोशल मीडिया की दोस्ती किशोर-किशोरियों को परिवार से दूर कर रही है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया की दोस्ती के चलते घर छोड़कर जाने के मामले बढ़े हैं। रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने भी कई ऐसे बच्चों को रेस्क्यू किया है जो सोशल मीडिया पर दोस्ती के चक्कर में घरों से भाग आए थे।सुभाषनगर की 14 साल की किशोरी स्कूल से आने के बाद रील्स बनाती रहती थी। मां किसी काम के लिए कहती तो वह चिढ़ जाती। धीरे-धीरे वह परिजनों से बदसलूकी करने लगी। स्कूल का होमवर्क करना भी बंद कर दिया। रोज स्कूल से शिकायत आने लगी तो मां ने उसे डांट दिया। गुस्से में आकर किशोरी घर में किसी को बिना बताए दोस्त के घर चली गई। काफी देर तक नहीं लौटी तो परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। तब मामला सामने आया।राजेंद्रनगर की किशोरी ने रील्स बनाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे दोस्त को मिलने वाले लाइक से अपनी स्टोरी पर मिलने वाले लाइक्स की तुलना करने लगी। दोस्त की स्टोरी पर लाइक ज्यादा होने से वह कुंठित रहने लगी। लाइक और व्यू बढ़ाने के लिए अनजान लोगों को अपनी प्रोफाइल से जोड़ लिया। दोस्त के जैसा दिखने के लिए तरह-तरह के प्रयोग शुरू कर दिए। वक्त के साथ परिजनों को चिंता सताई तो मनोचिकित्सक से सलाह लेने पर वजह पता चली।इंस्टाग्राम पर खुद से 11 साल बड़े युवक से दोस्ती के चलते किशोरी ने घर से जाने का फैसला कर लिया। मिलने पर युवक ने अपने दोस्तों के साथ रील्स बनाए और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिए। घर पर परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मना किया। इस पर छात्रा ने दोस्त के साथ ही रहने का फैसला कर लिया। वह बिना बताए घर से निकल गई। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मामला सीडब्लयूसी तक पहुंचा। काफी समझाने पर वह घर जाने को तैयार हुई।