उत्तर प्रदेश के औरैया।दिबियापुर। ग्राम पंचायत लहोखर के मजरा रघुनाथपुर में जमीन पर अवैध कब्जा बताकर हटाने गए प्रशासन के सामने काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने सामने आकर जेसीबी रोक दी। काफी नोकझोंक के बाद उपजिलाधिकारी समेत राजस्व एवं पुलिस टीम कागजातों के आधार पर जांच करने का आश्वासन देकर वापस लौट गई।बुधवार शाम गांव सभा लहोखर के मजरा रघुनाथपुर में एसडीएम अखिलेश कुमार के नेतृत्व में राजस्व एवं पुलिस टीम चरागाह की तीन हेक्टेयर से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा बताकर हटाने पहुंची। यहां पर जेसीबी की मदद से खेतों में कब्जा हटाया जाने लगा। जैसे ही ग्रामीणों को भनक लगी। वह इकट्ठा होने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि उन सभी को वर्ष 1963 में पट्टे किए गए थे। इसके बाद से वह लोग खेतों में फसल उगा रहे हैं। कई ग्रामीण हंगामा करते हुए विरोध करने लगे। कई महिलाएं जेसीबी के आगे आ गई। ग्रामीणों के विरोध के बाद एसडीएम के निर्देश पर जेसीबी रोक दी गई।प्रशासन बिना कब्जा हटाए ही वापस लौट आया। प्रधान चंद्रभान यादव ने बताया कि 15 ग्रामीण लगभग तीस एकड़ जमीन के पट्टाधारक होने के कारण लगातार कई दशकों से जमीन में जुताई बोआई कर रहे हैं। कमिश्नरी से किसानों के पक्ष में आदेश भी हुए हैं। बताया कि 1911 में ऊसर दर्ज थी। इसी के आधार पर तत्कालीन प्रधान ने 1963 में पट्टे कर दिए थे। हालांकि मौके पर लेखपाल चित्रेश ने अधिकारियों को बताया कि पूरी लगभग 30 एकड़ जमीन पशुचर की श्रेणी तीन की जमीन है। पूर्व में अवैध रूप से आसामी पट्टे हुए थे। लेकिन श्रेणी तीन की जमीन होने के कारण जमीन दोबारा पशुचर में दर्ज हो गई है। जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर लगातार शिकायतें हो रहीं हैं। पुलिस मामले की छानबीन कर रही हे