औरैया समाचार उत्तर प्रदेश के औरैया मे एक अस्पताल एक घर के कमरे मे चल रहा हे जिससे जगह कम होने से मरीजो को दिक्कत उठानी पड़ रही हे फफूंद। क्षेत्र के केशमपुर गांव का चार बेड का यूनानी अस्पताल पंचायत भवन के पास बने कमरे में चल रहा है। शासन की ओर से नए अस्पताल की स्वीकृति मिलने के डेढ़ साल बीतने के बाद भी ग्राम प्रधान अस्पताल के लिए जगह नहीं तलाश पाए हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है की ग्राम पंचायत में 10 बीघा से अधिक बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा है। जिस पर काफी बड़ा अस्पताल बन सकता है। क्षेत्र के केशमपुर गांव में 26 मई 1998 से दो कमरों में चार बेड का यूनानी चिकित्सालय स्थापित है। अस्पताल में यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनीस और वार्ड ब्वाॅय अफसर अली की तैनाती है।
आयुष चिकित्सा के लिए बढ़ते रुझान से फफूंद कस्बा और आसपास के करीब 20 से ज्यादा गांव के मरीजों की भीड़ यहां उमड़ती है। जगह की कमी होने से लोगों को खड़े रहकर दवा लेनी पड़ती है। ग्रामीणों की मांग पर डेढ़ वर्ष पूर्व जिले के लहरापुर, कुदरकोट के साथ ही केशमपुर गांव में भी नया अस्पताल बनाने की शासन से मंजूरी भी मिल गई, लेकिन ग्राम प्रधान और क्षेत्रीय लेखपाल इसके लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। इससे अस्पताल का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीण सुरेंद्र, नरेंद्र, रामकुमार, आशुतोष का कहना है कि गांव में तमाम सरकारी बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा है। ग्राम प्रधान भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पंचायत घर के कमरे में किसी तरह स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। अस्पताल के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा पाने को लेकर ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाल ने बताया की अस्पताल के लिए जगह तलाश की जा रही है। जिन सरकारी जगहों पर अवैध कब्जे हैं उसकी जानकारी अधिकारियों को दे चुके हैं।