उत्तर प्रदेश के औरैया मे दिबियापुर। प्रेम, समर्पण और सौभाग्य के प्रतीक प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की संख्या पिछले साल से 13 बढ़ गई है। अब जिले में 1188 सारस हैं, जबकि पिछले साल इनकी संख्या 1175 थी। प्रदेश में सारस सबसे अधिक औरैया और इटावा जिलों में मिलते हैं। ग्रीष्मकालीन गिनती सोमवार और मंगलवार को हुई। इसमें ग्रामीणों की भी मदद ली गई। वन विभाग के कर्मियों ने दोनों दिन सुबह छह बजे से आठ बजे तक और शाम चार बजे से छह बजे तक विभिन्न क्षेत्रों में सारस की गिनती की। कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ जाकर मौके पर सारस की फोटोग्राफी की। फोटोज के आधार पर उनकी गणना की गई। औरैया जिले में ग्राम पंचायत औरों में सर्वाधिक सारस पाए जाते हैं। इसी के चलते अछल्दा वन क्षेत्र में सहार क्षेत्र के ग्राम पंचायत औरों के मजरा मढ़ादासपुर में सारस इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है। यहां प्रदेश भर से आने वाले पर्यटक सारस के बारे में जानकारियां इकट्ठा कर सकेंगे। इसके लिए वन विभाग ने पिछले माह 71 लाख 81 हजार रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। अछल्दा वन प्रभाग के एसडीओ विक्रम सिंह सचान के अनुसार दो दिन तक चली गिनती में औरैया जिले में सारस की संख्या 1188 मिली है, जो पिछले वर्ष से 13 अधिक है। पिछले वर्ष सारस की संख्या 1175 थी।