औरैया समाचार उत्तर प्रदेश के औरैया मे पारंपरिक खेती से जिले के किसानों का मोहभंग हो रहा है। अधिक लागत और नाम मात्र के मुनाफा होने से किसानों का रुख नगदी फसलों की तरफ आकर्षित हो रहा है। ब्लॉक भाग्यनगर के गांव रानीपुर के संजीव शुक्ला स्ट्राॅबेरी की खेती कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। पिछले वर्ष उन्होंने डेढ़ बीघा में स्ट्राॅबेरी की खेती की थी, मुनाफा अच्छा होने पर इस बार ढाई बीघा में स्ट्राॅबेरी की खेती कर रहे हैं। उनकी देखादेखी आसपास के गांवों के किसान भी इस ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। किसान संजीव ने बताया कि स्ट्राॅबेरी की खेती की शुरूआत उन्होंने डेढ़ बीघा जमीन पर शुरू की थी। पिछले वर्ष उन्होंने 22 हजार पौधे लगाए थे। जिसमें उनका करीब छह लाख रुपये खर्च हुआ था। पहली बार खेती करने के चलते अधिक लागत आई थी।
इस बार उन्होंने ढाई बीघा खेत में स्ट्राॅबेरी की बोआई की है। जिसमें इस बार अभी तक चार लाख रुपये खर्च हुए हैं। स्ट्राॅबेरी की पौधे महाबलेश्वर पुणे से लाए हैं। पहले साल स्ट्राॅबेरी की बिक्री दिबियापुर गेल व एनटीपीसी के साथ लोकल में की थी। स्ट्राॅबेरी के फल की पैकिंग दो किलो के डिब्बे में होती है। जिसकी बाजार कीमत करीब चार सौ से 450 रुपये होती है। अधिक पैदावार होने पर कानपुर की चकरपुर मंडी में बिक्री करते हैं। पारंपरिक खेती से जिले के किसानों का मोह भंग हो रहा है। कम रकवे में नकदी फसल करके किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। स्ट्राॅबेरी की खेती में संजीव ने थोड़े समय में अपनी आय दोगुना से अधिक कर ली है। अब वह किसानों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं।