औरैया समाचार उत्तर प्रदेश के औरैया मे औरैया जिले में बाढ़ पर नियंत्रण एवं बुंदेलखंड के जालौन जिले में सिंचाईं के लिए पानी की उपलब्धता के लिए प्रस्तावित पचनद बैराज की डीपीआर फरवरी में तैयार हो जाएगी। डीपीआर तैयार कर रही केंद्रीय जल आयोग की टीम के अधिकारियों ने सिंचाई विभाग इटावा औरैया एवं वेतवा नहर प्रखंड द्वितीय उरई के अधिकारियों के साथ औरैया इटावा एवं जालौन में सर्वे कर डीपीआर को अंतिम रूप दिया। बुधवार को केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली के मुख्य अभियंता विवेक त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता अजय कुमार, अधिशासी अभियंता मयंक, सहायक अभियंता विजय पंत, डिजाइन के समीर शुक्ला, नरेंद्र शेखावत के साथ सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता विजय कुमार, अधिशासी अभियंता पीएस पटेल, सहायक अभियंता अंकित कुमार सिंह, बेतवा नहर प्रखंड द्वितीय उरई के अधिशासी अभियंता वेतवा नहर प्रखंड द्वितीय उरई चंद्रपाल सिंह, सहायक अभियंता सुमित कुमार, अवर अभियंता विनोद कुमार कटियार, अवर अभियंता प्रयाग नारायण साइट सर्वे के लिए पहुंचे।
उन्होंने अजीतमल क्षेत्र में सड़रापुर में बनने वाले बैराज के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने इटावा में सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया से भी मुलाकात की।अधिकारियों ने जालौन जिले में कुठौंद शाखा का भी स्थलीय निरीक्षण किया। यहां पर बनने वाले पंप हाउस की प्रस्तावित लोकेशन देखी। औरैया, इटावा जिलों में बाढ़ रोकने के साथ जालौन जिले में असिंचित रहने वाली भूमि को संजीवनी देने के लिए कई दशकों से पांच नदियों के संगम स्थल पर पचनद बैराज का निर्माण प्रस्तावित है। वर्ष 2019 में इसके लिए सर्वे शुरू हुआ। कई चरणों में हुए सर्वे के बाद आईआईटी से डीपीआर तैयार हुआ। 29 अगस्त 2022 को केंद्रीय जल आयोग एवं प्रदेश सरकार के बीच बैराज बनाने को लेकर एमओयू (समझौता) हो गया था। इसके बाद से सीडब्ल्यूसी की टीम बैराज की डीपीआर तैयार करने के लिए जुटी थी। पचनद बैराज अजीतमल के समीप सड़रापुर में बनना प्रस्तावित है। देश में पांच नदियों यमुना, चंबल, सिंधु, क्वारी, पहुज के इकलौते पवित्र संगम पर प्रस्तावित पचनद बैराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में शामिल है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की टीम के साथ सिंचाईं विभाग की टीम ने पचनद बैराज के विभिन्न जगहों का निरीक्षण किया।
उम्मीद है कि सीडब्ल्यूसी द्वारा फरवरी तक बैराज की डीपीआर तैयार कर ली जाएगी। पीएस पटेल, अधिशासी अभियंता, सिंचाईं खंड औरैया पचनद बैराज नेविगेशन लाक के साथ बनेगा। अधिकारियों के अनुसार भविष्य में नदियों को आपस में जोड़कर जल यातायात को बढ़ावा देने के लिए तैयारी की जा रही है। नेविगेशन लाक के साथ बैराज बनने से स्टीमर या जहाज पार करने के लिए गेट आसानी से खोला जा सकेगा। बैराज की कुल लंबाई लगभग 772 मीटर होगी। इसमें पानी निकलने के लिए वाटर वे 764.20 मीटर रखा जाना प्रस्तावित है। पचनद बैराज की प्रस्तावित डिजाइन में 650 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा सकेगा। इससे बुंदेलखंड की असिंचित रहने वाली भूमि को संजीवनी मिलेगी। खरीफ की 24328 हेक्टेयर, रबी की 22382 हेक्टेयर, जायद की 10461 हेक्टेयर भूमि की सिंचाईं हो सकेगी।
पांच नदियों के संगम स्थल के नजदीक गांव सडऱापुर में यमुना नदी पर बनने वाले बैराज से इटावा और औरैया जिलों में बाढ़ की संभावना समाप्त हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार पिछले वर्षों में बाढ़ से 120 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्र डूब गए थे। इसको आधार बनाकर बैराज का निष्क्रिय भंडारण स्तर 102 मीटर रखा गया है। इससे जलस्तर के 102 मीटर ऊंचाई पर पहुंचने पर बैराज के गेट खोल दिए जाएंगे। बताया कि प्रस्तावित बैराज में जल उपलब्धता 21331.50 मिलियन क्यूबिक मीटर रखी गई है। कभी भी इस पानी का उपयोग किया जा सकेगा। सडऱापुर गांव से जालौन के हरसिंहपुर डिस्ट्रीब्यूटरी नहर तक लगभग छह किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड पाइप लाइन जाएगी। बुधवार को पहुंची टीम ने इसका भी आंकलन किया कि इसके लिए दो पाइप लाइन डालीं जाएं, या फिर तीन पाइप लाइनें डालना ठीक रहेगा