औरैया समाचार उत्तर प्रदेश के औरैया मे अस्पताल मे रजिस्टर मे 4 डॉ की तैनाती हे लेकिन असल मे ट्रामा सेंटर मे सन्नाटा पसरा हुआ हे प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही हे मरीजो के लिए दवाओ व डॉ का लेकिन डॉ अपना काम सही नहीं कर रही हे इसीलिए जनता परेशान हे जिले में पिछले लगभग ढाई साल से स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित होने के बाद भी ट्रॉमा सेंटर का संचालन शुरू नहीं हो पाया। लगभग 15 दिन पहले सीएमओ की ओर से यहां ओपीडी संचालन का दावा किया गया था, लेकिन यह महज कागजों में हुई। ट्राॅमा सेंटर का सन्नाटा दूर हो सका और न ही ओपीडी शुरू हो सकी।
शहर से लगभग पांच किलोमीटर दूर भगौतीपुर (भाऊपुर) में स्थापित ट्राॅमा सेंटर लगभग ढाई साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका था, लेकिन संचालन न होने के चलते सेंटर में सन्नाटा पसरा रहता है। वहीं पिछले पखवाड़े सीएमओ की ओर से चार चिकित्सकों की तैनाती की बात कही गई थी। इससे शुरुआती दौर में मरीजों को ओपीडी की सुविधा मुहैया हो जाने की उम्मीद जगी थी, लेकिन अभी तक ऐसा संभव नहीं हुआ। हाल यह है कि परिसर में झाड़ियां उग आई हैं। ट्राॅमा सेंटर के लिए जरूरी उपकरणों में कुछ की खरीद हो सकी है। जबकि शेष उपकरणों व स्टाफ की उपलब्धता कराए जाने को सीएमओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा की ओर से शासन को रिमाइंडर भेजे जाने की बात कही गई है।
ट्राॅमा सेंटर के लिए न्यूरो सर्जन की जरूरत है। हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ न्यूरो सर्जन घायलों के उपचार के लिए अहम होते हैं। ट्राॅमा सेंटर के संचालित होने से फिलहाल ग्रामीणांचल के मरीजों व हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को फौरी इलाज मिलना शुरू हो सकता है, लेकिन सब कुछ ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहा है। ट्राॅमा सेंटर का संचालन शुरू न हो पाने के चलते शहर के 50 शैया जिला अस्पताल व चिचौली स्थित 100 शैया जिला अस्पताल में पिछले तीन माह में मार्ग दुर्घटनाओं समेत अन्य क्रिटिकल मामलों के लगभग 150 मरीजों को हायर सेंटर के लिए रेफर किया जा चुका है। ऐसे में ट्राॅमा सेंटर का संचालन काफी सहूलियत दे सकता है। ट्राॅमा सेंटर को लेकर जरूरी स्टाफ व अन्य व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के लिए पूरा किया जा रहा है। न्यूरो सर्जन की भी जरूरत है। शासन को रिमाइंडर भेजा जा रहा है। जल्द ही ट्राॅमा सेंटर का संचालन कराया जाएगा।
इन चिकित्सकों की ट्राॅमा सेंटर में हो चुकी है तैनाती
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मृत्युंजय, एनेस्थेटिक डॉ. अमितष, डॉ. सौरभ वर्मा, चिकित्साधिकारी डॉ. अविचल पांडेय