उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कंचौसी थाने के बिनपुरापुर निवासी रज्जन ने बताया कि पत्नी मीना देवी (35) को शनिवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी। आशा कार्यकर्ता के साथ पत्नी को लेकर वह सीएचसी दिबियापुर गए थे। वहां मौजूद स्टाफ ने पत्नी को भर्ती कर लिया। शाम चार बजे के बाद स्टाफ ने बिना किसी जानकारी के पत्नी को चिचौली रेफर कर दिया। चिचौली से भी 20 मिनट के बाद सैफई के लिए रेफर कर दिया तो परेशान होकर वह पत्नी को औरैया के एक निजी अस्पताल ले गया था। वहां भर्ती रहने के दौरान पत्नी की हालत बिगड़ गई तो वह उसे जिला अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया।
रज्जन ने आरोप लगाया कि अस्पताल में स्टाफ ने पत्नी का प्रसव नहीं करवाया। इससे उसकी मौत हो गई। परिजन पुलिस को सूचना दिए बिना शव घर ले गए। रविवार को परिजनों ने गांव में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने बताया कि मृतका के चार बेटे व एक बेटी भी है। वहीं दिबियापुर सीएचसी अधीक्षक डॉ. विजय आनंद ने बताया कि बच्चा तिरछा होने की वजह से प्रसव करवाने में जटिलता थी। अस्पताल में सर्जन न होने की वजह से गर्भवती को रेफर किया गया था।
कंचौसी। गांव बिनपुरापुर निवासी एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने शनिवार सुबह उसे सीएचसी में भर्ती करवाया था। उसकी नाजुक हालत देख डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर किया था, जहां रात में उसकी मौत हो गई।परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है