उत्तराखंड के अल्मोड़ा। नंदादेवी महोत्सव में संस्कृति और परंपराओं के रंग बिखरे रहे। शोभायात्रा के साथ जयकारे लगाते हुए फलसीमा से कदली वृक्षों को लाया गया और इसके बाद मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण हुआ। देर रात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिनके दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ जुटी। शुक्रवार को कदली वृक्ष लाने के लिए शोभायात्रा शुरू हुई। भक्त फलसीमा से कदली वृक्षों को वाहन से साईं मंदिर लेकर आए। इस दौरान छोलिया नृत्य के साथ भक्त मां नंदा सुनंदा के जयकारे लगाते रहे। चंद वंशज युवराज नरेंद्र चंद सिंह ने कदली वृक्षों की पूजा-अर्चना की और कलाकारों ने मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण शुरू किया। पंडित लीलाधर जोशी, तारा दत्त जोशी ने देर रात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा और पूजा संपन्न कराई। शनिवार को महाअष्टमी को मां नंदा-सुनंदा के पूजन के लिए भक्तों का मंदिर में प्रवेश सुबह चार बजे से शुरू हुआ। यहां मनोज सनवाल, अनूप शाह, मुन्ना वर्मा, एलके पंत, सीपी वर्मा, जीवन नाथ वर्मा, किशन गुरुरानी, अमरनाथ सिंह नेगी, ललित मोहन शाह आदि मौजूद रहे। अल्मोड़ा। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। लाफ्टर शो महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहा। हास्य कलाकार आनंद वल्लभ भट्ट, रमेश लाल, नारायण थापा, अमर सिंह बोरा, ललित मोहन बिष्ट, चंद्रशेखर आर्य ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। हिमांशु कांडपाल ने अपने अभिनय से खूब वाहवाही लूटी। जमीर थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने हास्य लघु नाटिका चरणदास चोर का मंचन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। संचालन रंगकर्मी नवीन बिष्ट ने किया गया