अल्मोड़ा समाचार उत्तराखंड के अल्मोड़ा मे उपमंडल की एक सड़क के डामरीकरण में गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। 15 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली बिल्लेख-चापड़ सड़क पर तीन महीने में 4.20 करोड़ का डामर उखड़ने लगा है। बिल्लेख, चापड़, हिडाम, बलियाली, लोधियाखान, जालीखान सहित 15 से अधिक गांवों को जोड़ने वाली बिल्लेख-चापड़ सड़क पर सितंबर 2023 में 4.2 करोड़ रुपये से डामरीकरण शुरू हुआ। स्थानीय नेताओं ने धूमधाम से इसका शिलान्यास और लोकार्पण किया। क्षेत्र की सात हजार से अधिक की आबादी को बदहाल सड़क से मुक्ति मिलने और आवाजाही सुगम होने की उम्मीद जगी थी। तीन महीने में ही डामर उखड़कर सड़क गड्ढों में तब्दील होने लगी है। अब विभागीय अधिकारी जल्द दोबारा डामर करने की बात कर अपनी जिम्मेदारी पर पर्दा डाल रहे हैं। रानीखेत। ग्रामीणों का कहना है कि मानकों को ताक पर रखकर ठंडे मौसम में डामरीकरण किया गया। नंदन सिंह, कृपाल सिंह, दीपक चंद्र, कुंदन राम, कुलदीप सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि यह सरकारी धन का दुरुपयोग है।
इन हालात में अगले कुछ महीनों में ही सड़क बदहाल हो जाएगी। उन्होंने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की। चेतावनी दी कि जल्द सड़क ठीक नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। अल्मोड़ा। दन्योली-बरम मोटर मार्ग बदहाल है। डामर उखड़ने से सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। 16 किमी लंबी यह सड़क दन्योली, नौगांव, सैनोली, चौकुना, बरम, नैगाड़, धनखोली आदि गांवों को जोड़ती है। अनदेखी के चलते यह सड़क बदहाल हो चुकी है। डामर उखड़ने से सड़क में गड्ढे बने हैं। हालात यह हैं कि परिजन बीमारों और गर्भवतियों को खतरे के बीच किसी तरह अस्पताल पहुंचा रहे हैं। सुबह के समय गड्ढों के बीच पाला गिरने से दोपहिया रपटकर चालक चोटिल हो रहे हैं। इधर, लोनिवि के एई पूरन फर्त्याल ने कहा कि मौसम अनुकूल होने पर सड़क सुधारीकरण किया जाएगा।