उत्तर प्रदेश के आगरा फतेहपुर सीकरी से शहंशाह अकबर ने हिंदुस्तान पर राज किया, उसी सीकरी में जिल्लेइलाही शहंशाह अकबर और उनके नवरत्नों की फाइबर से बनीं प्रतिमाएं कैद हैं। सात साल पहले एडीए ने पथकर निधि से 10 लाख रुपये की लागत से शहंशाह अकबर और उनके नवरत्नों की प्रतिमाओं का दरबार तैयार कराया था। फाइबर की प्रतिमाएं चंडीगढ़ में बनाई गई थीं, जिन्हें आईटीडीसी ने गुलिस्तां पार्किंग परिसर में बनवाए गए इंटरप्रिटेशन सेंटर में रखवाया है, कोरोना काल समेत तीन साल से यहां ताला लगा है। मुगल शहंशाह अकबर की राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में आने वाले सैलानी अकबर और उनके नवरत्नों के बारे में जान सकें, इसके लिए 7 साल पहले तत्कालीन कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने 15 मार्च 2016 को गुलिस्तां पार्किंग में बनाए इंटरप्रिटेशन सेंटर में अकबर के दरबार को स्थापित कराया था। ढाई फुट ऊंची प्रतिमाओं को दरबार के रूप में तैयार कराया गया है। इसके नीचे हिंदी और अंग्रेजी में नवरत्नों का पूरा ब्योरा दर्ज किया गया है। पर्यटकों को इन प्रतिमाओं को देखने के बाद मुगलिया दौर के दरबार की जानकारी मिल रही थी, पर 3 साल से यहां ताला लगा है। पार्किंग और बैटरी बस स्टैंड के बीच बने इंटरप्रिटेशन से ही होकर पर्यटक निकलते हैं जो ताला बंद होने के कारण इसे नहीं देख पा रहे।