एटा समाचार उत्तर प्रदेश के एटा जिला के शाहजहांपुर जनपद निवासी लड़के के पिता ने बताया कि 8 माह पूर्व उनके बेटे की शादी राजा का रामपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी युवती से तय की थी। लड़की के घर वालों सहित लड़की ने कई बार लड़के को देखा था। दोनों पक्ष शादी के लिए राजी थे। सामूहिक विवाह योजना के तहत शनिवार को शादी होनी थी। वह सुबह ही यहां परिवार के सदस्यों सहित रिश्तेदारों के साथ आ गए थे। लड़की पक्ष के भी लोग यहां आ गए। लड़की-लड़का मंडप पर बैठे हुए थे। प्रशासन ने योजना के तहत दिया जाने वाला सामान भी दे दिया था।
इस बीच लड़का-लड़की में क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं लेकिन अचानक से लड़की ने शादी करने से इंकार कर दिया। कहा कि वह पंडाल से बाहर बैठे थे। जानकारी पर अंदर आए। लड़का लड़की दोनों की आरजू-मिन्नतें की। लोगों ने समझाया, इसके बाद दोनों शादी को राजी हुए। भीड़ देख वहां अधिकारी भी जा पहुंचे। उन्होंने समझाया और दोनों की जयमाला की रस्म कराई। इसके बाद शादी की अन्य रस्में कराई गईं।
दूल्हा आया नहीं दे दिया सामान
शनिवार को सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीबों की बेटियों के हाथ पीले किए गए। इस दौरान मारहरा क्षेत्र निवासी एक युवती की शादी कासगंज निवासी एक युवक से होनी थी। युवक आया नहीं, लेकिन अधिकारियों ने शादी का सामान दे दिया। जानकारी करने पर युवती के परिजन ने बताया कि उसका दो बार पूर्व में आवेदन निरस्त कर दिया गया था। लड़का दिल्ली में नौकरी करता है वह दोनों बार आया लेकिन शादी नहीं हो पाई। शनिवार को लड़के ने आने से मना कर दिया। अधिकारियों को बताया तो उन्होंने लड़की को लाने की बात कह दी। इस पर लड़की को लेकर चले आए। सामान भी दे दिया, लेकिन अब लड़का न होने पर सामान वापस ले लिया है। जब सामान देना ही नहीं था तो बुलाया क्यों।