उत्तर प्रदेश के आगरा में वंदे भारत एक्सप्रेस के गेट में कैंट स्टेशन पर मंगलवार को यात्री का हाथ फंस गया। ट्रेन चलने लगी। हाथ फंसने से करीब तीन मीटर तक यात्री प्लेटफार्म पर घिसटता रहा। यात्रियों की चीखें निकल गईं। गनीमत रही कि गेट से हाथ बाहर निकल आया।बल्केश्वर निवासी प्रदीप अपनी पत्नी और बेटी के साथ ग्वालियर जा रहे थे। उन्होंने बड़े उत्साह से वंदे भारत एक्सप्रेस का टिकट कराया। कोच सी-छह में उनका टिकट कंफर्म था। नई दिल्ली से भोपाल के लिए चलने वाली वंदे भारत मंगलवार शाम 4:30 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। यहां ट्रेन का दो मिनट का ठहराव है। 30 से 40 सेकेंड ट्रेन के स्वचालित गेट खुलने में लगे। ट्रेन रुकी तो प्रदीप ने कोच सी-छह में परिवार सहित चढ़ने की कोशिश की। चढ़ने और उतरने वालों की भीड़ के कारण वह अपने बैग गेट से ट्रेन के अंदर पहुंचा पाए। अभी वह पत्नी और बेटी को चढ़ाने की कोशिश कर रहे थे कि ट्रेन चलने लगी स्टेशन पर यात्रियों में चीखपुकार मच गईट्रेन चलने लगी तो प्रदीप ने गेट से अपना सामान उतारने की कोशिश की। तभी अचानक गेट बंद हो गया। गेट में प्रदीप का हाथ फंस गया। ट्रेन चलने लगी, तो प्लेटफार्म पर ही ट्रेन के साथ वह घिसटने लगा। तीन मीटर तक घिसटते हुए रहे। उनके पैर व घुटने छिल गए। यह दृश्य देख स्टेशन पर यात्रियों में चीखपुकार मच गई। एक बैग ट्रेन में ही चला गयाइसी दौरान प्रदीप का हाथ गेट से बाहर निकल आया। प्लेटफार्म पर आरपीएफ और जीआरपी जवान पहुंच गए। यात्री को उठाया। परंतु इस दौरान एक बैग ट्रेन में ही चला गया। प्रदीप ने स्टेशन प्रबंधक से शिकायत की। कंफर्म टिकट होने के कारण वंदे भारत के पीछे आ रही श्रीधाम एक्सप्रेस में स्टेशन प्रबंधक ने उनकी यात्रा की व्यवस्था कराई।