उत्तर प्रदेश के आगरा में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज की विदाई पर भक्तों के आंसू छलक पड़े। रामकथा में हर भक्त भावविभोर हो गया। सभी को लगा की, उनके भगवान की विदाई हो रही है। महाराज ने भक्तों को सांत्वना दी और आगरा जल्द वापस आने का आश्वासन भी। प्रेम निधि मंदिर का निर्माण जल्द कराने को भक्तों से कहां। रामकथा में मंगलवार को तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मंगलवार को कथा का समापन है और अब विदाई का समय आ गया है। यह सुनकर कथा सुनने वाले भक्तों की आंखों से आंसू बहने लगे। इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया की पत्नी मृदला कठेरिया के आंसू छलक उठे। उन्होंने महाराज के साथ चित्रकूट जाने की बात तक कह दी। इस पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि आगरा छोड़कर जाने पर मैं भावुक हो रहा हूं, ऐसा लग रहा है कि पिता अपने बच्चों को छोड़कर जा रहा है। महाराज ने कहा कि जीवात्मा को परमात्मा से मिलना है, तो संत को लाना ही होगा। रावण वध वर्णन के साथ कथा का समापन हुआ। उसके बाद भगवान श्रीराम की आरती की गई और भगवान राम का राज्याभिषेक किया गया। इस पर पूरे पंडाल में जय श्रीराम के जयकारे लगने लगे। उन्होंने रामभद्राचार्य जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी आए। उन्होंने रामभद्राचार्य से आशीर्वाद लिया। रामकथा के दौरान प्रेम निधि मिश्र की लिखित करुण पच्चीसी पुस्तक का विमोचन जगदगुरु रामभद्राचार्य ने किया। इस पुस्तक की दस हजार प्रतियां प्रकाशित की गई हैं। रामकथा में पुस्तक का निशुल्क वितरण किया गया। बिना संत के ज्ञान नहीं मिल सकता है। इसलिए रामकथा सुनने आयी। यहां पर आकर मन को शांति मिली अब उनसे विदाई लेते समय आंख भर आयी है।