मनुस्मृति के अनुसार वर्णों में परिवर्तन संभव है वो कैसे जानिए
मनुस्मृति १०.६५(10.65): ब्राह्मण शूद्र बन सकता और शूद्र ब्राह्मण हो सकता है. इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य भी अपने वर्ण बदल सकते हैं.
मनुस्मृति ९.३३५(9.335): शरीर और मन से शुद्ध- पवित्र रहने वाला, उत्कृष्ट लोगों के सानिध्य में रहने वाला, मधुरभाषी, अहंकार से रहित, अपने से उत्कृष्ट वर्ण वालों की सेवा करने वाला शूद्र भी उत्तम ब्रह्म जन्म और द्विज वर्ण को प्राप्त कर लेता है.
मनुस्मृति के अनेक श्लोक कहते हैं कि उच्च वर्ण का व्यक्ति भी यदि श्रेष्ठ कर्म नहीं करता, तो शूद्र (अशिक्षित) बन जाता है.