इटावा समेत आठ अस्पतालो मे 33 डाक्टरों के पद खाली हे एच3एन2 का इन्फ़ैकशन ओर वायरल फैलने से अस्पतालो मे भीड़ हे जबकि डाक्टरों की कमी हे ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के सामने बड़ा संकट है। सीएचसी स्तर पर डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। हालत यह है कि जिले की आठों सीएचसी में डॉक्टरों के 33 पद खाली हैं। कई पर महिला चिकित्सकों की तैनाती नहीं है।राजपुर सीएचसी की बात करें तो यहां 14 पदों के सापेक्ष दो ही चिकित्सक हैं। भरथना सीएचसी में छह की जगह चार ही डॉक्टर हैं। ताखा में ओपीडी की बात करें तो रोजाना करीब 150 मरीज पहुंचे हैं। एक डॉक्टर की नाइट ड्यूटी होने के कारण दिन में स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। जसवंतनगर सीएचसी में तीन फिजीशियन और एक महिला डॉक्टर है। बाल रोग, हड्डी रोग विशेषज्ञ और जनरल सर्जन के साथ फिजीशियन का भी एक पद खाली है।डॉक्टरों की कमी के कारण यहां के मरीजों को करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करके इटावा जिला अस्पताल आना पड़ता है। सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं और बाल रोगियों को होती है। करीब सवा घंटे का सफर तय करने के बाद जिला अस्पताल में भी इलाज मिलने में घंटों लग जाते हैं महेवा में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है इसके बाद भी डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पा रही है। सीएचसी स्तर पर डॉक्टर कम होने के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है ओर इलाज नही मिल पाता हे इसी वजह से लोग प्राइवेट अस्पतालो मे लोग जाने को मजबूर हे
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