हम सभी ने बचपन से लेकर आजतक सुना है की जाको राखे राम तो मारे कौन, और कई बार ऐसे विकट भयंकर एक्सीडेंट में लोगो को बचते और जरा सी चूक से लोगो को मरते हुए देखा भी है, लेकिन २ हफ्ते बाद भी बिना खाये पिए अगर लोग जिन्दा निकाले जाए तो मन में एकबार ये विस्वास और पक्का हो ही जाता है की राखे राम तो मारे कौन, यही देखने को मिला है तुर्किये के भूकंप के बाद।
हम सब जानते है की तुर्किये में आए विनाशकारी भूंकप के बाद से राहत एवं वचाव कार्य जारी है, भारत सरकार ने भी अपनी सेना और टीम भेजी है, तो भूकंप के 13 दिन बाद राहत एवं बचाव दलों ने शनिवार यानि की १८ फरबरी को अंकारा (Where is Ankara) में एक बड़े विशाल मलबे के ढेर से एक बच्चे समेत तीन लोगों को जिंदा निकाला। घायलों कोत्वरित उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि बाद में 12 साल के बच्चे की मौत हो गई जो की पिछले 13 दिनों से बिना किसी मेडिकल सुविधा के जिन्दा था।
क्या था पूरा मामला?
बच्चे समेत ये तीनों लोग एक इमारत के मलबे के ढेर में भूकंप के बाद बुरी तरह से फंसे हुए थे। उनके रिश्तेदारों और परिजनों को उनके जिन्दा बचने की अब कोई उम्मीद नहीं थी। बचाए गए 12 साल बच्चे के पिता इलियास ने कहा कि वो उम्मीद खो चुके थे, लेकिन बचावकर्मियों ने उनके ऊपर बहुत बड़ा उपकार किया है की उनके बच्चे को खोज निकाला। आपको बताते चले कि तुर्किये-सीरिया में आए एक विनाशकारी भूकंप के कारणअब तक मरने वालों का कुल आंकड़ा 45 हजार को पार कर चूका है। अकेले तुर्किये में ही अब तक कुल 39,672 लोग मारे गए हैं। तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल (Where is Istanbul) में भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है ।